Index Search for 'ज्ञानविरुद्धेषु' |
Shloka: | न हिज्ञानविरुद्धेषु बहुदोषेषु कर्मसु । श्रेयोघातिषु सज्जन्ते बुद्धिमन्तो भवद्विधाः ॥ |
Reference: | 3.29.2.0.16(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आरण्यकपर्व>द्वितीयोऽध्यायः (02)>श्लोक#16) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आरण्यकपर्व |
Adhyaya: | द्वितीयोऽध्यायः (02) |
Akhyana: | |
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