Index Search for 'ज्ञानं' |
Shloka: | सत्यस्य वचनं श्रेयः सत्यंज्ञानं हितं भवेत् । यद्भूतहितमत्यन्तं तद्वै सत्यं परं मतम् ॥ |
Reference: | 3.37.203.0.42(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>त्र्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#42) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | त्र्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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