Index Search for 'ज्ञातुं' |
Shloka: | एतदिच्छामि तत्त्वेनज्ञातुं भार्गवसत्तम । विपर्यस्तं यथा नाम कुवलाश्वस्य धीमतः ॥ |
Reference: | 3.37.192.0.5(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>द्विनवत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#5) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | द्विनवत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|