Index Search for 'ज्ञातिरिति' |
Shloka: | असकृत्त्वं मया मूढ निर्जितो जीवितप्रियः । मुक्तोज्ञातिरिति ज्ञात्वा का त्वरा मरणे पुनः ॥ |
Reference: | 3.42.264.0.27(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>चतुःषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#27) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | चतुःषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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