Index Search for 'ख्यातो' |
Shloka: | ततो गच्छेत राजेन्द्र स्थानं नारायणस्य तु । सदा संनिहितो यत्र हरिर्वसति भारत । शालग्राम इतिख्यातो विष्णोरद्भुतकर्मणः ॥ |
Reference: | 3.33.82.0.106(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>द्वयशीतितमोऽध्यायः (82)>श्लोक#106) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | द्वयशीतितमोऽध्यायः (82) |
Akhyana: | |
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