Index Search for 'ख्यातास्त्वन्नामधेयाश्च' |
Shloka: | त्वयि पुत्रशतं चैव सत्यवाञ्जनयिष्यति । ते चापि सर्वे राजानः क्षत्रियाः पुत्रपौत्रिणः ।ख्यातास्त्वन्नामधेयाश्च भविष्यन्तीह शाश्वताः ॥ |
Reference: | 3.42.281.0.57(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>एकाशीत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#57) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | एकाशीत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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