Index Search for 'ख्यातं' |
Shloka: | पुनर्बहुमृगं रम्यं काम्यकं काननोत्तमम् । मरुभूमेः शिरःख्यातं तृणबिन्दुसरः प्रति । तत्रेमा वसतीः शिष्टा विहरन्तो रमेमहि ॥ |
Reference: | 3.40.244.0.13(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मृगस्वप्नभयपर्व>चतुश्चत्वारिंशदधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#13) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मृगस्वप्नभयपर्व |
Adhyaya: | चतुश्चत्वारिंशदधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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