Index Search for 'खाण्डवे' |
Shloka: | खाण्डवे सत्यसंधेन भ्रात्रा तव नरेश्वर । गन्धर्वोरगरक्षांसि वासवश्च निवारितः । हता मायाविनश्चोग्रा धनुः प्राप्तं च गाण्डिवम् ॥ |
Reference: | 3.35.157.0.20(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>यक्षयुद्धपर्व>सप्तपञ्चाशदधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#20) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | यक्षयुद्धपर्व |
Adhyaya: | सप्तपञ्चाशदधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|