Index Search for 'खाण्डवप्रस्थगताः' |
Shloka: | अपत्यमस्मि द्रुपदस्य राज्ञः कृष्णेति मां शैब्य विदुर्मनुष्याः । साहं वृणे पञ्च जनान्पतित्वे येखाण्डवप्रस्थगताः श्रुतास्ते ॥ |
Reference: | 3.42.250.0.5(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>पञ्चाशदधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#5) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | पञ्चाशदधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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