Index Search for 'खरः' |
Shloka: | पर्वणः पूतनो जम्भःखरः क्रोधवशो हरिः । प्ररुजश्चारुजश्चैव प्रघसश्चैवमादयः ॥ |
Reference: | 3.42.269.0.2(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>एकोनसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#2) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | एकोनसप्तत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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