Index Search for 'खरः' |
Shloka: | खरः शूर्पणखा चैव तेषां वै तप्यतां तपः । परिचर्यां च रक्षां च चक्रतुर्हृष्टमानसौ ॥ |
Reference: | 3.42.259.0.19(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>एकोनषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#19) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | एकोनषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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