Index Search for 'खद्योतवदभिज्ञातं' |
Shloka: | मयाटन्त्येह वल्मीके दृष्टं सत्त्वमभिज्वलत् ।खद्योतवदभिज्ञातं तन्मया विद्धमन्तिकात् ॥ |
Reference: | 3.33.122.0.19(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>द्वाविंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (122)>श्लोक#19) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | द्वाविंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (122) |
Akhyana: | |
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