Index Search for 'एषो' |
Shloka: | तस्याश्रमः पुण्यएषो विभाति महाह्रदं शोभयन्पुण्यकीर्तेः । अत्र स्नातः कृतकृत्यो विशुद्धस्तीर्थान्यन्यान्यनुसंयाहि राजन् ॥ |
Reference: | 3.33.113.0.25(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>त्रयोदशाधिकशततमोऽध्यायः (113)>श्लोक#25) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | त्रयोदशाधिकशततमोऽध्यायः (113) |
Akhyana: | |
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