Index Search for 'एषां' |
Shloka: | एषां तु पृष्ठतो रुद्रो विमले स्यन्दने स्थितः । याति संहर्षयन्सर्वांस्तेजसा त्रिदिवौकसः ॥ |
Reference: | 3.37.221.0.15(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>एकविंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#15) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | एकविंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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