Index Search for 'एषः' |
Shloka: | यं षट्सहस्रा रथिनोऽनुयान्ति नागा हयाश्चैव पदातिनश्च । जयद्रथो नाम यदि श्रुतस्ते सौवीरराजः सुभगे सएषः ॥ |
Reference: | 3.42.249.0.11(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>एकोनपञ्चाशदधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#11) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | एकोनपञ्चाशदधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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