Index Search for 'एष' |
Shloka: | पुत्रशोकमनुप्राप्यएष रैभ्यस्य कर्मणा । त्यक्ष्यामि त्वामृते पुत्र प्राणानिष्टतमान्भुवि ॥ |
Reference: | 3.33.138.0.14(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>अष्टत्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (138)>श्लोक#14) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | अष्टत्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (138) |
Akhyana: | |
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