Index Search for 'एवाहमवमंस्ये' |
Shloka: | द्रौपद्युवाच - नावमन्ये न गर्हे च धर्मं पार्थ कथंचन । ईश्वरं कुतएवाहमवमंस्ये प्रजापतिम् ॥ |
Reference: | 3.31.33.0.1(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>कैरातपर्व>त्रयस्त्रिंशोऽध्यायः (33)>श्लोक#1) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | कैरातपर्व |
Adhyaya: | त्रयस्त्रिंशोऽध्यायः (33) |
Akhyana: | |
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