Index Search for 'एवमेतद्यथा' |
Shloka: | सावित्र्युवाच -एवमेतद्यथा वेत्थ संकल्पो नान्यथा हि वः । न च किंचिद्रहस्यं मे श्रूयतां तथ्यमत्र यत् ॥ |
Reference: | 3.42.282.0.36(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>द्वयशीत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#36) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | द्वयशीत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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