Index Search for 'एवमुक्त्वा' |
Shloka: | एवमुक्त्वा ततः पार्थः शरैरस्त्रानुमन्त्रितैः । ववर्ष तां दिशं कृत्स्नां शब्दवेधं च दर्शयन् ॥ |
Reference: | 3.44.296.0.28(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>आरणेयपर्व >षण्णवत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#28) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | आरणेयपर्व |
Adhyaya: | षण्णवत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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