Index Search for 'एवमुक्त्वा' |
Shloka: | एवमुक्त्वा स मां राजन्नाश्लिष्य च पुनः पुनः । अगच्छत्स यथाकामं ब्राह्मणः सूर्यसंनिभः ॥ |
Reference: | 3.35.164.0.6(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>यक्षयुद्धपर्व>चतुःषष्ट्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#6) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | यक्षयुद्धपर्व |
Adhyaya: | चतुःषष्ट्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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