Index Search for 'एवमुक्त्वा' |
Shloka: | एवमुक्त्वा धर्मराजस्तमध्यापयत प्रभुः । दीक्षितं विधिना तेन यतवाक्कायमानसम् । अनुजज्ञे ततो वीरं भ्राता भ्रातरमग्रजः ॥ |
Reference: | 3.31.38.0.14(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>कैरातपर्व>अष्टत्रिंशोऽध्यायः (38)>श्लोक#14) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | कैरातपर्व |
Adhyaya: | अष्टत्रिंशोऽध्यायः (38) |
Akhyana: | |
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