Index Search for 'एवमुक्तो' |
Shloka: | मार्कण्डेय उवाच -एवमुक्तो वामदेवेन राजन्नन्तःपुरे राजपुत्रं जघान । स सायकस्तिग्मतेजा विसृष्टः श्रुत्वा दलस्तच्च वाक्यं बभाषे ॥ |
Reference: | 3.37.190.0.74(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>नवत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#74) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | नवत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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