Index Search for 'एवमुक्तस्तु' |
Shloka: | एवमुक्तस्तु स मुनिः कन्यया गालवस्तदा । हर्यश्वं पृथिवीपालमिदं वचनमब्रवीत् ॥ |
Reference: | 5.54.114.11.14(उद्योगपर्व>भगवद्यानपर्व>चतुर्दशाधिकशततमोऽध्यायः (114)>गालवचरितम्>श्लोक#14) |
Parva: | उद्योगपर्व |
Upaparva: | भगवद्यानपर्व |
Adhyaya: | चतुर्दशाधिकशततमोऽध्यायः (114) |
Akhyana: | गालवचरितम् |
Search other sources: | search this word on other online resources
|