Index Search for 'एवमुक्तस्ततो' |
Shloka: | एवमुक्तस्ततो भीमः सृक्किणी परिसंलिहन् । स्मयमान इव क्रोधात्साक्षात्कालान्तकोपमः । बाहुसंरम्भमेवेच्छन्नभिदुद्राव राक्षसम् ॥ |
Reference: | 3.34.154.0.40(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>जटासुरवधपर्व>चतुःपञ्चाशदधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#40) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | जटासुरवधपर्व |
Adhyaya: | चतुःपञ्चाशदधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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