Index Search for 'एवमुक्तः' |
Shloka: | एवमुक्तः प्रत्युवाच मार्कण्डेयो महातपाः । क्षणं कुरुध्वं विपुलमाख्यातव्यं भविष्यति ॥ |
Reference: | 3.37.180.0.48(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>अशीत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#48) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | अशीत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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