Index Search for 'एवं' |
Shloka: | एवं त्वजनयद्धिष्ण्यान्वेदोक्तान्विबुधान्बहून् । विचरन्विविधान्देशान्भ्रममाणस्तु तत्र वै ॥ |
Reference: | 3.37.212.0.20(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>द्वादशाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#20) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | द्वादशाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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