Index Search for 'एवं' |
Shloka: | यवक्रीरुवाच -एवं करिष्ये मा तापं तात कार्षीः कथंचन । यथा हि मे भवान्मान्यस्तथा रैभ्यः पिता मम ॥ |
Reference: | 3.33.136.0.17(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>षट्त्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (136)>श्लोक#17) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | षट्त्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (136) |
Akhyana: | |
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