Index Search for 'एवं' |
Shloka: | अग्निर्मित्रो योनिरापोऽथ देव्यो विष्णो रेतस्त्वममृतस्य नाभिः ।एवं ब्रुवन्पाण्डव सत्यवाक्यं वेदीमिमां त्वं तरसाधिरोह ॥ |
Reference: | 3.33.114.0.25(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>चतुर्दशाधिकशततमोऽध्यायः (114)>श्लोक#25) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | चतुर्दशाधिकशततमोऽध्यायः (114) |
Akhyana: | |
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