Index Search for 'एनमिदं' |
Shloka: | यदा समुद्रे प्रक्षिप्तः स मत्स्यो मनुना तदा । ततएनमिदं वाक्यं स्मयमान इवाब्रवीत् ॥ |
Reference: | 3.37.185.0.24(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>पञ्चाशीत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#24) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | पञ्चाशीत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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