Index Search for 'एते' |
Shloka: | ब्रह्मोवाच - यएते कीर्तिताः सर्वे न तेभ्योऽस्ति भयं तव । ऋते मनुष्याद्भद्रं ते तथा तद्विहितं मया ॥ |
Reference: | 3.42.259.0.26(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>एकोनषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#26) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | एकोनषष्ट्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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