Index Search for 'एतावदुक्त्वा' |
Shloka: | एतावदुक्त्वा द्रुपदात्मजा सा शैब्यात्मजं चन्द्रमुखी प्रतीता । विवेश तां पर्णकुटीं प्रशस्तां संचिन्त्य तेषामतिथिस्वधर्मम् ॥ |
Reference: | 3.42.250.0.9(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>पञ्चाशदधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#9) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | पञ्चाशदधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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