Index Search for 'एतस्मिन्नेव' |
Shloka: | नारद उवाच -एतस्मिन्नेव काले तु मृगचर्याक्रमागताम् । माधवीं प्रेक्ष्य राजानस्तेऽभिवाद्येदमब्रुवन् ॥ |
Reference: | 5.54.119.11.20(उद्योगपर्व>भगवद्यानपर्व>एकोनविंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (119)>गालवचरितम्>श्लोक#20) |
Parva: | उद्योगपर्व |
Upaparva: | भगवद्यानपर्व |
Adhyaya: | एकोनविंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (119) |
Akhyana: | गालवचरितम् |
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