Index Search for 'एतस्मिन्नेव' |
Shloka: | वैशंपायन उवाच -एतस्मिन्नेव काले तु सर्ववादित्रनिस्वनः । बभूव तुमुलः शब्दस्त्वन्तरिक्षे दिवौकसाम् ॥ |
Reference: | 3.35.162.0.1(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>यक्षयुद्धपर्व>द्विषष्ट्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#1) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | यक्षयुद्धपर्व |
Adhyaya: | द्विषष्ट्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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