Index Search for 'एतस्मिन्नेव' |
Shloka: | लोमश उवाच -एतस्मिन्नेव काले तु बृहद्द्युम्नो महीपतिः । सत्रमास्ते महाभागो रैभ्ययाज्यः प्रतापवान् ॥ |
Reference: | 3.33.139.0.1(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>एकोनचत्वारिंशदधिकशततमोऽध्यायः (139)>श्लोक#1) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | एकोनचत्वारिंशदधिकशततमोऽध्यायः (139) |
Akhyana: | |
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