Index Search for 'एतस्मिन्नन्तरे' |
Shloka: | वैशंपायन उवाच -एतस्मिन्नन्तरे तत्र महावीर्यपराक्रमः । आजगाम महासत्त्वः कृपः शस्त्रभृतां वरः । अर्जुनं प्रति संयोद्धुं युद्धार्थी स महारथः ॥ |
Reference: | 4.47.52.0.1(विराटपर्व>गोग्रहणपर्व>द्विपञ्चाशत्तमोऽध्यायः (52)>श्लोक#1) |
Parva: | विराटपर्व |
Upaparva: | गोग्रहणपर्व |
Adhyaya: | द्विपञ्चाशत्तमोऽध्यायः (52) |
Akhyana: | |
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