Index Search for 'एतद्विचारितम्' |
Shloka: | द्युमत्सेन उवाच - पूर्वमेवाभिलषितः संबन्धो मे त्वया सह । भ्रष्टराज्यस्त्वहमिति ततएतद्विचारितम् ॥ |
Reference: | 3.42.279.0.13(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>एकोनाशीत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#13) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | एकोनाशीत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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