Index Search for 'एतद्यशस्यं' |
Shloka: | एतद्यशस्यं भगवेदनं च स्वर्ग्यं तथा शत्रुनिबर्हणं च । महार्हमाल्याभरणाङ्गरागा भर्तारमाराधय पुण्यगन्धा ॥ |
Reference: | 3.38.223.0.12(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदी-सत्यभामासंवादपर्व>त्रयोविंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#12) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदी-सत्यभामासंवादपर्व |
Adhyaya: | त्रयोविंशत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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