Index Search for 'एतद्धनंजयो' |
Shloka: | एतद्धनंजयो वाच्यो नित्योद्युक्तो वृकोदरः । यदर्थं क्षत्रिया सूते तस्य कालोऽयमागतः । न हि वैरं समासाद्य सीदन्ति पुरुषर्षभाः ॥ |
Reference: | 5.54.135.0.9(उद्योगपर्व>भगवद्यानपर्व>पञ्चत्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (135)>श्लोक#9) |
Parva: | उद्योगपर्व |
Upaparva: | भगवद्यानपर्व |
Adhyaya: | पञ्चत्रिंशदधिकशततमोऽध्यायः (135) |
Akhyana: | |
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