Index Search for 'एतदिच्छाम्यहं' |
Shloka: | कथां वेत्सि मुने दिव्यां मनुष्योरगरक्षसाम् ।एतदिच्छाम्यहं श्रोतुं तत्त्वेन कथितं द्विज ॥ |
Reference: | 3.37.192.0.3(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>द्विनवत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#3) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | द्विनवत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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