Index Search for 'एतदिच्छाम्यहं' |
Shloka: | यथोक्तवांस्त्वां भगवाञ्शतक्रतुररिंदम । कृतप्रियस्त्वयास्मीति तच्च ते किं प्रियं कृतम् ।एतदिच्छाम्यहं श्रोतुं विस्तरेण महाद्युते ॥ |
Reference: | 3.35.163.0.6(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>यक्षयुद्धपर्व>त्रिषष्ट्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#6) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | यक्षयुद्धपर्व |
Adhyaya: | त्रिषष्ट्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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