Index Search for 'एतदिच्छाम्यहं' |
Shloka: | यस्य लोकास्त्रयो वश्या विष्णोरिव महात्मनः ।एतदिच्छाम्यहं श्रोतुं चरितं तस्य धीमतः ॥ |
Reference: | 3.33.126.0.2(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>तीर्थयात्रापर्व>षड्विंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (126)>श्लोक#2) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | तीर्थयात्रापर्व |
Adhyaya: | षड्विंशत्यधिकशततमोऽध्यायः (126) |
Akhyana: | |
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