Index Search for 'एतदाख्याहि' |
Shloka: | यथा तुष्टो महादेवो देवराजश्च तेऽनघ । यच्चापि वज्रपाणेस्ते प्रियं कृतमरिंदम ।एतदाख्याहि मे सर्वमखिलेन धनंजय ॥ |
Reference: | 3.35.163.0.7(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>यक्षयुद्धपर्व>त्रिषष्ट्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#7) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | यक्षयुद्धपर्व |
Adhyaya: | त्रिषष्ट्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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