Index Search for 'एतत्सहस्रपर्यन्तमहो' |
Shloka: | एतत्सहस्रपर्यन्तमहो ब्राह्ममुदाहृतम् । विश्वं हि ब्रह्मभवने सर्वशः परिवर्तते । लोकानां मनुजव्याघ्र प्रलयं तं विदुर्बुधाः ॥ |
Reference: | 3.37.186.0.23(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>षडशीत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#23) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | षडशीत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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