Index Search for 'एतत्सत्यं' |
Shloka: | एतत्सत्यं मयाख्यातं कारणं विस्तरेण वः । यथा वृत्तं सुखोदर्कमिदं दुःखं महन्मम ॥ |
Reference: | 3.42.282.0.42(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>द्वयशीत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#42) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | द्वयशीत्यधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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