Index Search for 'एतत्ते' |
Shloka: | सर्वलोकस्य विदिता युगसंख्या च पाण्डव ।एतत्ते सर्वमाख्यातमतीतानागतं मया । वायुप्रोक्तमनुस्मृत्य पुराणमृषिसंस्तुतम् ॥ |
Reference: | 3.37.189.0.14(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>एकोनवत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#14) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | एकोनवत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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