Index Search for 'एतच्छ्रुत्वा' |
Shloka: | एतच्छ्रुत्वा धर्मसुतः समुद्विग्नो नराधिप । अभेद्यकवचं मत्वा कर्णमद्भुतविक्रमम् । अनुस्मरंश्च संक्लेशान्न शान्तिमुपयाति सः ॥ |
Reference: | 3.39.243.0.20(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>घोषयात्रापर्व>त्रिचत्वारिंशदधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#20) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | घोषयात्रापर्व |
Adhyaya: | त्रिचत्वारिंशदधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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