Index Search for 'एतच्छ्रुत्वा' |
Shloka: | मार्कण्डेय उवाच -एतच्छ्रुत्वा नमस्तस्मै कृत्वासौ सह कन्यया । तत्राभ्यगच्छद्देवेन्द्रो यत्र देवर्षयोऽभवन् । वसिष्ठप्रमुखा मुख्या विप्रेन्द्राः सुमहाव्रताः ॥ |
Reference: | 3.37.213.0.37(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>त्रयोदशाधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#37) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | त्रयोदशाधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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