Index Search for 'एतच्छिष्टानुशासनम्' |
Shloka: | आरम्भो न्याययुक्तो यः स हि धर्म इति स्मृतः । अनाचारस्त्वधर्मेतिएतच्छिष्टानुशासनम् ॥ |
Reference: | 3.37.198.0.72(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>अष्टनवत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#72) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | अष्टनवत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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