Index Search for 'एकैकमेषामनुयान्ति' |
Shloka: | यदा विहारं प्रसमीक्षमाणाः प्रयान्ति पुत्रास्तव याज्ञसेनि ।एकैकमेषामनुयान्ति तत्र रथाश्च यानानि च दन्तिनश्च ॥ |
Reference: | 3.37.180.0.30(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>मार्कण्डेयसमस्यापर्व>अशीत्यधिकशततमोऽध्यायः>श्लोक#30) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | मार्कण्डेयसमस्यापर्व |
Adhyaya: | अशीत्यधिकशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
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