Index Search for 'एका' |
Shloka: | एका ह्यहं संप्रति तेन वाचं ददानि वै भद्र निबोध चेदम् । अहं ह्यरण्ये कथमेकमेका त्वामालपेयं निरता स्वधर्मे ॥ |
Reference: | 3.42.250.0.3(वनपर्व (आरण्यकपर्व)>द्रौपदीहरणपर्व>पञ्चाशदधिकद्विशततमोऽध्यायः>श्लोक#3) |
Parva: | वनपर्व (आरण्यकपर्व) |
Upaparva: | द्रौपदीहरणपर्व |
Adhyaya: | पञ्चाशदधिकद्विशततमोऽध्यायः |
Akhyana: | |
Search other sources: | search this word on other online resources
|